नाशिक (प्रतिनिधि) दि.१३ फेब्रु.: नासिक के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक निलेश आंबेडकर की लघु फिल्म “चिरभोग” ने उमरेड फिल्म महोत्सव, नागपूर में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार जीता है। देश भर से 100 से अधिक लघु फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, चिराभोग फिल्म विजेता बनी। निलेश आंबेडकर को दि.१२ जानेवारी को मराठी सुपरहिट फिल्म ‘जयंती’ (२०२२) फेम अभिनेता ऋतूराज वानखेड़े, जो प्रमुख अतिथी के रूप में उपस्थित थे, उनके द्वारा उमरेड, नागपूर में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर समाज भवन में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर सन्मानित किया गया| इस अवसर पर महोत्सव के आयोजक वैशाली पिल्लेवान , पुष्पा कारगावकर, सागर सायनी इनके साथ और भी अन्य मान्यवर व्यक्ति उपस्थित थे।
बाल कलाकार राजवीर परदेशी ने इसी समारोह में लघु फिल्म “चिरभोग” के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता का पुरस्कार जीता, जबकि मधुरा मोरे ने अपनी लघु फिल्म मुंघ्यार के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। चिराभोग का निर्माता राहुल सोनवणे है और पटकथा संजय भारतीय द्वारा लिखी गई है। उमरेड, नागपूर में आयोजित पुरस्कार समारोह में निर्देशक निलेश आंबेडकर ने मान्यवर प्रमुख व्यक्तियों से तीनों पुरस्कार स्वीकार किए।
इस समय, एक बड़े दर्शक वर्ग ने चिराभोग की सराहना की। चिरभोग एक अवांछनीय सामाजिक प्रथा के कारण एक छात्र के संघर्ष की कहानी है। इसमें राजविर परदेशी, सुकेशीनी कांबळे, सुशीलकुमार शिर्के, सोपान भोईर, राहुल बनसोडे, सचिन धारणकर व राहुल सोनवणे ने मुख्य भूमिका निभाई है| इस फिल्म में छायांकन विनायक जंगम और रोहित गायकवाड़, संकलन मयूर सातपुते, संगीत शशिकांत कांबली, वेशभूषा श्वेता सवाई, उपशीर्षक श्रद्धा जगदाले और श्रृंगार संदीप रायकर का रहा। पार्श्वसंगीत बालगायिका ज्ञानेश्वरी जमदाडे ने गाया है। साथ ही दिलीप आहेर, सचिन धारणकर, सोपान भोईर, संघमित्रा सोनवणे का इस कार्य में विशेष सहयोग रहा है।
निर्देशक निलेश आंबेडकर यथार्थवादी विषयों का चयन करते हैं और उन्हें पर्दे पर दिलचस्प तरीके से पेश करते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आने वाले प्रतीकों का उपयोग निलेश आंबेडकर की समाज में बदलाव लाने की दृष्टि है। राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अपनी स्थिति के कारण नासिक की कलाकृति की व्यापक रूप से सराहना की गई है।