छत्तीसगढ़, १३ दिसंबर – शिक्षक, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता, कवि और गीतकार के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए पहेचान जाणनेवाले छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व डॉ. मुन्नालाल देवदास ने संगीत के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी भक्ति रचनाओं को तीन पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं, अर्थात् भजन सम्राट पद्मश्री अनुप जलोटा, पद्मश्री सुरेश वाडकर और पद्मश्री अनुराधा पौडवाल द्वारा गाए जाने का अनूठा गौरव प्राप्त हुआ है।
इस असाधारण उपलब्धि के लिए, डॉ. मुन्नालाल देवदास ‘द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ से प्रशंसा पाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति बन गए हैं। यह प्रतिष्ठित सम्मान भक्ति संगीत की दुनिया में उनकी अद्वितीय प्रतिभा और योगदान को दर्शाता है।
“द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” ने डॉ. मुन्नालाल देवदास की सराहना करते हुए कहा है, “वह छत्तीसगढ़ में एक अग्रणी व्यक्ति हैं, उनके गाने तीन पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं की आवाज में गूंजते हैं।” डॉ. मुन्नालाल देवदास ने न केवल संगीत क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति के रूप में भक्ति गीत और भजन लिखने का नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ से राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता के रूप में डॉ. मुन्नालाल देवदास की उपलब्धिया उनको और सम्मानित करती है।
डॉ. मुन्नालाल देवदास के जीवनी में उनको कई राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों, विश्व रिकॉर्ड और मानद डॉक्टरेट की उपाधियों से चिह्नित किया गया है, जो एक अनुकरणीय शिक्षक, उत्कृष्ठ गीतकार और दयालु सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है। यह हालिया मान्यता उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों की सूची में और इजाफा करती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में उनकी प्रभावशाली स्थिति मजबूत होती है।
डॉ. मुन्नालाल देवदास को उनकी असाधारण और गौरवशाली सफलता के लिए समुदाय के सभी वर्गों से हार्दिक बधाई मिल रही है, जिससे छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक और कलात्मक परिदृश्य में एक चमकदार व्यक्ति के रूप में उनकी स्थिति और मजबूत हो गई है।