परभणी (प्रतिनिधि) 26 मई: आज के 21वीं सदी यानी विज्ञान के युग में सबसे बड़े परिवर्तन के रूप में शिक्षा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर विशेष महत्व प्राप्त हुआ है। एक ओर दुनिया भर में दिन-ब-दिन यथार्थवादी और उन्नत तकनीक विकसित करने के लिए नए-नए प्रयोग और शोध किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त प्रदर्शन हासिल करना एक बड़ी चुनौती है। विज्ञान और आधुनिक तकनीक का युग भारतीय शिक्षा विशेषज्ञों का सामना कर रहा है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध गाइड और अमेज़न बेस्ट सेलिंग बुक के लेखक और विश्वविक्रमवीर सर, नागेश जोंधले (संस्थापक, आई सेंटर) द्वारा किया गया।
सर नागेश जोंधले द बुद्धिस्ट इंटरनेशनल सीबीएसई स्कूल-सखला प्लॉट, लोहगांव रोड, श्रावस्ती नगर, शाखा परभणी में नवनिर्मित कक्षाओं के भव्य उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। ‘द डायनामिक कम्युनिकेटर’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध, ‘सूचना विनिमय केंद्र’ यानी ‘आई सेंटर’ के संस्थापक सर नागेश जोंधले इस आयोजन के अध्यक्ष और उद्घाटनकर्ता थे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व जिला सर्जन डॉ. प्रकाश डाके, डॉ. धर्मराज चव्हाण, डॉ. सिद्धार्थ वासेकर, इंजी. गोपीनाथ कांबले और विशेष के रूप में एसएससी बोर्ड शिकिंद्रा वाकले (औरंगाबाद), महेंद्र सांके, नितिन सावंत, विजय सावंत, सुबोध कांबले, तलाठी त्रिशोक विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे |

“द बुद्धिस्ट इंटरनेशनल सीबीएसई स्कूल, शाखा परभणी” के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास और नवीन शिक्षा का संचार करने वाली प्रधानाचार्य प्रमिला खिलारे और संस्थान के अध्यक्ष प्रो. डॉ। महादेव सरवदे सर, पूर्व जिला सर्जन डॉ. प्रकाश डाके, ‘आई सेंटर’ के संस्थापक व विश्व चैम्पियन सर नागेश जोंधले, डॉ. धर्मराज चव्हाण, डॉ. सिद्धार्थ वासेकर, इंजी., महेंद्र सांके, नितिन सावंत, विजय सावंत, सुबोध कांबले, तलथी त्रिशोक वाकले, सुभाष नेत्ने आदि उपस्थित थे।
प्राचार्य खिलारे ने कहा कि हम आपके बच्चों को सभी जाति, जनजाति और धर्म के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें एक अच्छा और आदर्श नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पूर्व जिला सर्जन डॉ. प्रकाश डाके ने कहा कि शिक्षा केवल एक जाति या अमीरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी जातियों और धर्मों के गरीब, मध्यम और अमीर परिवारों के छात्रों के लिए भी उपलब्ध है। हालांकि, समझदार माता-पिता को न केवल परभणी में शुरू की गई इस सराहनीय गतिविधि की सराहना करनी चाहिए, बल्कि सभी को एक साथ मिलकर अपने बच्चे के प्रवेश का पंजीकरण कराना चाहिए। उन्होंने संगठन के विकास के लिए आर्थिक योगदान के साथ समय देने की भी अपील की। उनके आह्वान का जवाब देते हुए, संस्थापक और शिक्षाविद् सर नागेश जोंधले ने तुरंत संस्था को ग्यारह हजार रुपये का दान दिया और “छात्र-अभिभावक-शिक्षक” की तिकड़ी पर आधारित एक अत्याधुनिक प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदान करने की घोषणा की। संस्था की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ‘आई सेंटर’। कार्यक्रम का संचालन श्री कांबले ने किया, जबकि प्रतिभागियों का आभार संस्थान के अध्यक्ष प्रो. डॉ. महादेव सरवदे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की सफलता के लिए इंजी. नेहा नेताने, रत्नदीप वाकले, अमरदीप वाकले आदि ने सफलतापूर्वक प्रयास किये।