राष्ट्रपती पुरस्कार विजेते डॉ.मुन्नालाल देवदास जी द्वारा ‘शैक्षिक नवचार’ का शोध |अंको से अक्षर बनाने की अनोखी विधी ; द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुवा नाम दर्ज

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छतीसगढ (नोव्हेंबर) प्रतिनिधि : शिक्षा के क्षेत्र में काम करते अनेक शिक्षक विविध शैक्षिक पद्धती को खोजने का प्रयास करते है। जिससे विद्यार्थीयोंको शिक्षा पढाते हुये आसानी हो, और आसानी के साथ हि उनकी पढाई मजेदार होते हुये उनके शैक्षिक गुणवत्ता का विकास भी हो। शैक्षिक गुणवत्ता के साथ-साथ कुशल शिक्षण विधियों को विकसित करने के लिए हमेशा प्रयत्नरत रहने वाले छत्तीसगढ के आदर्श शिक्षक, साहित्यकार, राष्ट्रपती पुरस्कार द्वारा सन्मानित शिक्षक और शोधकर्ता डॉ.मुन्नालाल देवदास की आधुनिक अंको से अक्षर बनाने की पद्धति विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच में लोकप्रिय हो जा रही है।

डॉ.मुन्नालाल देवदास ने केवल ‘7’ इस अंक से हिंदी वर्णमाला के ७ अक्षर और उससे २७ शब्द बनाते हुये शैक्षिक क्षेत्र में अपने प्रतिभा का इस्तेमाल करते हुये द आयडियल इंडियन बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया है| द आयडियल इंडियन बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने हाल ही में उनके इस अभ्यास को स्वीकार करते हुये स्वीकार किया है कि डॉ.मुन्नालाल देवदास जी द्वारा प्रस्तुत ‘शैक्षिक नावाचार’ जिस पर उन्होने लगातार २५ साल अध्ययन और अभ्यास करके अपने एक अलग आविष्कार को विकसित किया है| वे आसानी से किसी भी संख्या को हिन्दी देवनागरी अक्षरों या शब्दों में बदल सकते हैं। छात्रों को कम उम्र में सीखने का आनंद लेने के लिए वे उन्हें सरल, प्रत्यक्ष और आसान तरीके से अक्षर और शब्द बनाना सिखाते हैं, जिसे वे समझ और याद रख सकें। |

अंक ७ से बनाये हुये ७ अक्षर..

अ) १ क , २ ज, ३ त , ४ न, ५ ब, ६ ल, ७ व

ब) अंक ७ से बनने वाले २७ शब्द –

१. नल ,जल , तल, लत, बल, कल, लक, तन, नत, जन, वन, नव, कब, जब, तब

२. जनक, कनक, वतन, जतन, लवन, नवल, ललक,  तलक, तलब, तलत, ललन, जलन

डॉ.मुन्नालाल देवदास जी को द आयडियल इंडियन बुक ऑफ रेकॉर्ड्सद्वारा प्रदान किया रेकॉर्ड प्रमाणपत्र

डॉ.मुन्नालाल देवदास द्वारा शोध किये गये नवाचार किसी को भी सीखने में सबसे आसान, तेज और सरल पद्धति है| डॉ. मुन्नालाल देवदास का यह शैक्षिक नवाचार रोचक, ज्ञानवर्धक और अभिनव पहल है। उन्होने दुसरे अंक लेते हुये और भी नावाचार बनाये है| लॉकडाऊन के दौरान उन्होने अनेक विद्यार्थी और शिक्षकों को इस शोध से परिचित करवाया| वे अपने शैक्षिक नवाचार का प्रदर्शन नेशनल इन्नोवेशन कान्फ्रेंस, टीचर्स ट्रेनिंग और वीडियो के माध्यम से कर चुके हैं। उन्होने अपने शैक्षिक नवाचार के अनुभवों को सर्वसुलभ बनाने के लिए २००५ में ‘थ्री इन वन शैक्षिक नवाचार’ पत्रिका का प्रकाशन कर भी किया है।

डॉ.मुन्नालाल देवदास जी द्वारा अंको से अक्षर बनाने के विधी की सन २००५ में प्रकाशित हुयी ‘थ्री इन वन शैक्षिक नवाचार’ पत्रिका

‘द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाला रेकॉर्ड ऑर्गनायझेशन है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त कार्य करने वाले व्यक्तियों के नाम दर्ज किये जाते है। डॉ.मुन्नालाल देवदास के शैक्षिक कार्यों को देखते हुये ‘द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने उनके नाम कि पुष्टी करते हुये उन्हें विश्वविक्रमी रेकॉर्ड प्रदान किया है। शिक्षा के क्षेत्र में मुन्ना लाल देवदास की अनोखी प्रतिभा और दूरदृष्टि उन्हें एक आदर्श शिक्षक बनाती है। उन्हें अब तक अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड , वर्ल्ड रिकॉर्ड और डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। इस सफलता के लिए डॉ.मुन्नालाल देवदास को समाज के सभी क्षेत्रों से बधाई दी जा रही है।

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